मध्य प्रदेश की नदियां
मध्यप्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है, कृषि प्रधान राज्य की जीवन रेखा नदियों को माना जाता है क्योंकि नदियां क्षेत्र आर्थिक, सामाजिक एवं धार्मिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। मध्य प्रदेश प्राकृतिक संसाधनों का प्रचुर एवं प्रविविधपूर्ण भंडार जल भी उसमें से एक है। मध्य प्रदेश को नदियों का मायका कहा जाता है मध्य प्रदेश में 207 छोटी-बड़ी नदियां प्रवाहित होती हैं। प्रदेश की सभी नदियां प्रायद्वीपीय नदियों में वर्गीकृत की जाती हैं। प्रदेश का अपवाह तंत्र पठारी भागों में विस्तृत है ।अधिकतम नदियां उत्तर- पूर्व की दिशा में बहती है प्रदेश में अधिकतर नदियां अन्तर्राज्यीय हैं। भारतीय संविधान में जल राज्य सूची की प्रविष्टि 17 में शामिल है, संविधान में जल प्रयोग से प्रबंधित अनुच्छेद 246, 262 का सातवीं अनुसूची की सूची की प्रविष्टि 56 में है ।अधिकांश नदियां वृक्षाकार नदी तंत्र का निर्माण करती हैं, मध्यप्रदेश में भारत की 14 बड़ी नदी अपवाह तंत्र में से तीन नर्मदा, ताप्ती एवं माही अपवाह तंत्र मध्यप्रदेश में है।
नर्मदा
- नर्मदा नदी मानव सभ्यता के विकास से जुड़ी नदियों में से एक है मध्य भारत की यह नदी कर्क रेखा के समान्तर पर बहती है।
- इसके किनारे एशिया की प्राचीन सभ्यताओं में से एक सभ्यता न का जन्म हुआ है ।
- 1990 के दशक में नर्मदा नदी घाटी में भूगर्भ शास्त्री अरुण सोनकिया ने ग्राम हथनोर में प्राचीन मानव खोपड़ी की खोज की जिसे नर्मदा मानव नाम दिया गया है।
- नर्मदा नदी को लंबाई के आधार पर पांचवी बड़ी नदी माना है इसकी कुल लंबाई 1312 किलोमीटर है।
- उद्गम सतपुड़ा पर्वत श्रेणी की मैकाल पर्वत माला के अमरकंटक अनूपपुर 1057 मीटर ऊंचाई से निकलती हैं तथा पूर्व से पश्चिम की दिशा की ओर बहती है ।
- नर्मदा नदी की समुद्र तल से ऊंचाई 4500 फुट है ।
- यह बहती हुई खंभात की खाड़ी (भड़ौच-गुजरात) में गिरती है ।
- इस नदी को मध्य प्रदेश की जीवन रेखा कहा जाता है इसकी कुल लंबाई 1312 किलोमीटर है जिसमें मध्य प्रदेश में 1077 किलोमीटर तथा गुजरात में 235 किलोमीटर बहती है इसका कुल अपवाह क्षेत्र 98786 वर्ग किलोमीटर है।
- नर्मदा नदी गुजरात के भड़ौच नगर के पश्चिम में एश्चुअरी (ज्वारनदमुख) का निर्माण करती है।
- प्रख्यात भूगोलविद टॉलमी ने नर्मदा नदी को नामादोस कहां है ।
- नर्मदा नदी के अन्य नाम नर्मदा नदी लगभग 20 अलग-अलग नामों से जानी जाती है – रेवा (संस्कृत ग्रंथों में), मेकलसूता या मैकाल पुत्री, सोमादेवी ( चंद्रमा से जन्मी), शंकरी, दक्षिण गंगा, सप्त गंगा।
- नर्मदा नदी मंडला जिले को कुंडली में गिरते हुए उत्तर दिशा की ओर निकल जाती है ।
- नर्मदा नदी उद्गम स्थल अमरकंटक से 8 किलोमीटर दूर पर कपिलधारा जल प्रपात 24 मीटर ऊंचा
100 किलोमीटर बाद दुग्धधारा जलप्रपात जबलपुर जिले से 15 किलोमीटर ऊंचा धुआंधार जलप्रपात बड़वाह के पास मांधार।
तथा ददरी जल प्रपात बनाती है, वही महेश्वर के पास सहस्त्रधारा जलप्रपात बनाती है । - नर्मदा उत्तर एवं दक्षिण भारत के बीच विभाजक रेखा मानी जाती है।
- नर्मदा 3 राज्यों से मध्य प्रदेश महाराष्ट्र एवं गुजरात से होते हुए खंभात की खाड़ी में विलीन होती है।
- यह मध्य प्रदेश भारत की एकमात्र नदी है जो अपभ्रंश घाटी में बहती है यह सतपुडा दक्षिण एवं विंध्याचल उत्तर पर्वतमाला के बीच स्थित भ्रंश घाटी में बहती है।
- नर्मदा नदी की सहायक नदियां।
बाई ओर से मिलने वाली खरमर,बुहर्नर, बंजर ,तैमूर ,सोनार, शेर ,शक्कर, दूधी, शुकरी, तवा ,जटजर, गजनल, मचक छोटी तवा कावेरी, करजान , कुंडी ,मोरद,देब ,गोई।
दाई ओर से मिलने वाली नदियां सिल्जी, कोलार, गौर,कमर, चंद्रकेश्वर, बिराज, मन ,करम, हथिनी, हीरण, जमनेर ,खारी, वरना, सिप, चोरल, तन्दोनि,एवं उरी। - नर्मदा बेसिन में अधिकतर काली मिट्टी पाई जाती है।
- नर्मदा नदी के समुद्री मिलन स्थल पर भड़ौच शहर के बीच भड़ौच बंदरगाह स्थित है।
- नर्मदा नदी अपवाह में स्थित मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा जिला जबलपुर है ।
- प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता सूची मेधा पाटकर नर्मदा बचाओ आंदोलन चलाया है और लेखिका अरुंधति राय ने उनका साथ दिया था।
- 1985 में मध्य प्रदेश सरकार ने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की स्थापना की थी ।
- इंदिरा सागर डैम सरदार सरोवर डैम नर्मदा नदी पर बने हैं।
चंबल
- चंबल नदी का पौराणिक नाम चर्मावती है।
- यह नदी इंदौर जिले के महू के मानपुरा ग्राम समीप जानापावा पहाड़ी से 616 मीटर ऊंचाई से निकलती है।
- यह मध्य प्रदेश की दूसरी बड़ी नदी है यह समुद्र तल से 843 मीटर ऊंचाई से निकलती है ।
- यह नदी उत्तर-पूर्व की ओर राज्य के धार ,उज्जैन ,रतलाम, मंदसौर ,नीमच जिले में बहती हुई राजस्थान के बूंदी, कोटा, सवाई, माधोपुर ,करौली, धौलपुर में आती है फिर मध्यप्रदेश के मुरैना ,श्योपुर ,भिंड होते हुए इटावा उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश में 38 किलोमीटर दूर यमुना नदी में मिल जाती है ।
- यह यमुना में दक्षिण की ओर से मिलने वाली सबसे बड़ी नदी है।
- यह चंबल की सहायक नदियों में बाई ओर से बिना ओर धसान दाहिनी ओर से पार्वती, कालीसिंध प्रमुख नदियां हैं।
- यह कोटा मंडल में भेसोगढ़ के निकट 18 मीटर ऊंचा चुलिया जल प्रपात का निर्माण करती है।
- नदी की लंबाई 965 किलोमीटर है।
- चंबल नदी मध्य भारत के पठार राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा को बनाती है इस नदी पर गांधी सागर बांध, मंदसौर राणा प्रताप चित्तौड़गढ़ राजस्थान तथा जवाहर सागर कोटा बैराज कोटा राजस्थान में बांध बनाए गए हैं।
- अपवाह क्षेत्र 143219 चंबल के किनारे लगभग 5000 हेक्टेयर भूमि बीहड़ में परिवर्तित हो गई है।
ताप्ती
- यह मध्य भारत की एक बड़ी नदी है जो सतपुड़ा के समांतर पूर्व से पश्चिम की दिशा की ओर बहती है ।
- ताप्ती शब्द की उत्पत्ति ताप शब्द से हुई जिसका अर्थ है उष्ण या गर्म।
- ताप्ती को धर्म शास्त्र में सूर्य की पुत्री के नाम से जाना गया है ।
- ताप्ती नदी का उद्गम बैतूल जिले के मुलताई तहसील सतपुड़ा श्रेणी से निकलती है।
- इसकी लंबाई 724 किलोमीटर है। •इसका अपवाह क्षेत्र 65140 वर्ग किलोमीटर है ।
- ताप्ती पूर्व से पश्चिम की दिशा में बहने वाली दूसरी सबसे बड़ी नदी है।
- यह नर्मदा के समांतर बहती हुई खंभात की खाड़ी अरब सागर में गिरती है इसकी प्रमुख सहायक नदी पूर्णा जो बाई ओर से मिलती है ताप्ती नदी के किनारे मध्यप्रदेश में बुरहानपुर ,बैतूल ,महाराष्ट्र में भुसावल एवं गुजरात में सूरत स्थित है।
- ताप्ती के किनारे मेलघाट बांध परियोजना स्थापित की गई है यह महाराष्ट्र के अमरावती जिले में स्थित है ।
माही
- विंध्याचल पर्वत माला से धार जिले में धार जिले की तहसील सरदारपुर में अमझेरा ग्राम में स्थित में मेंहद झील से निकलती है ।
- इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 850 फुट ऊंची है ।
- लंबाई 583 किलोमीटर व अपवाह क्षेत्र 34842 किलोमीटर
- दाहिनी ओर से भादर एवं बाईं ओर से पानम ,कूल एवं गोमा इसमें मिलती है।
- माही का अन्य नाम महिती भी है।
- माही नदी को पृथ्वी की पुत्री कहा गया है माही गुजरात में बहने वाली तीसरी बड़ी नदी है।
- यह मध्य प्रदेश राजस्थान और गुजरात से होती हुई खंभात की खाड़ी में जाकर मिलती है ।
- इसके किनारे राजस्थान में बांसवाड़ा के निकट माही नदी पर बांध स्थित है इसे माही बजाज परियोजना के नाम से जाना जाता है।
- माही बांध के पास स्थित अपवाह में कई नदी द्वीप स्थित है इसलिए बांसवाड़ा को द्वीपों का शहर कहा जाता है ।
बेतवा
- बेतवा को मध्यप्रदेश की गंगा भी कहा जाता है यह मध्य प्रदेश के रायसेन विंध्याचल पर्वत माला में स्थित कुमरा गांव से निकलती है।
- लंबाई 590 किलोमीटर जिसमें मध्यप्रदेश में 233 किलोमीटर से यूपी में 380 किलोमीटर
- इसे पुराणों में वेत्रवती के नाम से जाना जाता है।
- इसकी प्रवाह दिशा उत्तर-पूर्व की ओर है यह नदी हमीरपुर जिले उत्तर प्रदेश मैं यमुना में मिलती है।
- अपवाह क्षेत्र 40650 वर्ग किलोमीटर।
- सहायक नदी बेतवा की बीना और धसान दाहिनी ओर से जबकि सिंध बाई ओर से मिलने वाली प्रमुख नदी है ।
- यह उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की सीमा बनाती है।
- बेतवा रायसेन ,विदिशा, टीकमगढ़ उत्तर प्रदेश में ललितपुर झांसी से गुजरती है बेतवा के किनारे विदिशा और ओरछा जैसे इतिहासिक पवित्र नगर बसे हैं ।
- इससपर नदी में झांसी से 23 किलोमीटर पश्चिम में माताटीला बांध बना है ।
- बेतवा-केन नदी जोड़ो परियोजना इसी पर बनाई गई है।
- इसकी सहायक नदी बीना नदी सागर जिले के पश्चिमी सीमा के पास राहतगढ़ कस्बे के पास एक ऊंचा जलप्रपात भालकुंड 38 मीटर ऊंचा जलप्रपात बनाती है।
- इसकी सहायक नदी हलाली पर जिला रायसेन में हलाली बांध निर्मित है।
- बेतवा को बुंदेलखंड की जीवन रेखा कहा जाता है।
- बेतवा एवं बेस नदी का संगम स्थल प्राचीन वेद नगर अर्थात विदिशा में है प्राचीन काल में छेदी महाजनपद की राजधानी शुक्तिमति बेतवा के किनारे स्थित थी।
सोन
- यह नदी अमरकंटक की पहाड़ियों से नर्मदा के उद्गम स्थल के समीप से निकलती है।
- अन्य नाम सुवर्ण नदी, शोणभद हैं।
- इसकी कुल लंबाई 780 किलोमीटर है।
- इसका अपवाह क्षेत्र 17900 वर्ग किलोमीटर है।
- यह नदी मध्य प्रदेश के अनूपपुर, उमरिया, शहडोल, रीवा, सीधी, सिंगरौली जिले से बहती हुई उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में प्रवेश कर बिहार में दानापुर (पटना) के निकट गंगा नदी में मिल जाती है।
- यह गंगा नदी में दक्षिणी भाग और से मिलने वाली सबसे बड़ी सहायक नदी है ।
- यह उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश एवं बिहार में बहती है ।
- यह नर्मदा नदी के विपरीत दिशा में बहती है ।
- सोन नदी का नाम करण नदी में स्वर्ण करण मिलने के कारण सोन या स्वर्ण रखा गया ।
- सोन नदी घाटी कैमूर एवं छोटा नागपुर पठार की सीमा बनाती है।
- सहायक नदियां उत्तरी कोयल ,घाघ,र जोहिला ,बनास, गोपड, कन्हर ।
- सोन एवं इसकी सहायक बनास एवं गोपड नदी में सोन घड़ियाल अभ्यारण स्थापित किया है चंबल के बाद है दूसरा अभ्यारण है जिसमें मगर घड़ियाल आदि को संरक्षण दिया गया है।
- सोन नदी पर बाणसागर बहुउद्देशीय परियोजना संचालित की जा रही है इस परियोजना का प्राचीन लेखक नाम बाणभट्ट के नाम पर रखा गया है बाणभट्ट का आवास सोन नदी के किनारे हैं।
केन
- कैन का उद्गम स्थल जबलपुर जिले के पास कैमूर पहाड़ी में स्थित अहिरगांव से हुआ है ।
- यह नदी विंध्याचल के घने जंगल से निकलकर उत्तर में बहते हुए यमुना में मिल जाती है।
- लंबाई 427 किलोमीटर है समुद्र तल से ऊंचाई से 550 मीटर ऊंचाई पर स्थित है।
- यह मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की 51 किलोमीटर की सीमा बनाती है।
- इसका अपवाह क्षेत्र 28058 किलो वर्ग किलोमीटर है।
- सहायक नदियां सोनार बेयरमा, कोपरा ,बिवास, उर्मिल, अमर मिरहासान, कुटनी, काली ,पाटन ,चंद्र वाल आदि है।
- सोनार केन की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
- कैन उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में स्थित चीला ग्राम के पास जाकर यमुना में मिल जाती है ।
- कैन बिजावर पन्ना पर्वत के बीच बहती है व यह रीवा एवं सतना के पठार को भी पृथक करती है ।
- स्नह जलप्रपात केन नदी पर स्थित है यह पर्यटन का केंद्र छतरपुर जिले में स्थित है ।
- घड़ियाल अभ्यारण्य केन एवं खुदर नदी पर 1985 में स्थापित किया गया था यह लगभग 14 किलोमीटर का है।
- केन नदी पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के बीच से गुजरती है।
टोंस
- यह नदी सतना जिले के मैहर तहसील के झुलेरी ग्राम से निकलती है यह कैमूर की पहाड़ियों का भाग है।
- समुद्र सतह से इसकी ऊंचाई 610 मीटर है ।
- अन्य नाम तमसा
- सहायक नदियां बेलन एवं बिरह ओड़ा, महाना है।
- इसकी लंबाई 264 किलोमीटर है तथा अपवाह क्षेत्र 16860 किलोमीटर है ।
- यह सिरसा उत्तर प्रदेश के निकट गंगा में मिल जाती है।
वैनगंगा
- इसका उद्गम स्थल परासवाड़ा पठार सिवनी है यह 450 मीटर ऊंचाई से निकलती है।
- अन्य नाम- बेवा व वेया
- यह दक्षिण की ओर बहने वाली नदी है ।
- यह मध्य प्रदेश के सिवनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा जिलों में बहती है ।
- यह बालाघाट जिले में बहती हुई महाराष्ट्र के भंडारा एवं चंद्रपुर से होती हुई वर्धा नदी में मिल जाती है।
- वहीं पर इसका संगम स्थल प्राणहिता कहते हैं ।
तवा
- तवा नदी होशंगाबाद के पास पचमढ़ी के महादेव पर्वत से कालीभीत पहाड़ियों से निकलकर उत्तर की ओर बहती है ।
- यह होशंगाबाद जिले में बहती हुई नर्मदा नदी में मिल जाती है।
- इसकी सहायक नदियां देनवा, मालिनी और सुखतवा है।
- इस नदी पर तवा परियोजना स्थित है।
- मध्य प्रदेश का सबसे लंबा नदी बांध तवा नदी पर होशंगाबाद में बनाया गया है ।
शिप्रा
- यह नदी इंदौर जिले में स्थित ककरीबर्डी की पहाड़ियों से निकलकर देवास ,उज्जैन जिलों में बहती हुई चंबल नदी में मिल जाती है।
- इसकी लंबाई 195 किलोमीटर है।
- इस नदी के किनारे उज्जैन बसा है।
- खान नदी क्षिप्रा की प्रमुख सहायक नदी है।
पार्वती
- यह नदी विंध्यन कगार के उत्तरी ढाल सीहोर जिले से निकलती है ।
- यह मध्य भारत के पठार राजगढ़, ब्यावरा, गुना तहसीलों की सीमा से कुछ दूर बहती हुई चंबल नदी में मिल जाती है ।
13 कालीसिंध - यह देवास जिले की बागली तहसील के समीप विंध्याचल पर्वत से निकलती है ।
- शाजापुर और राजगढ़ जिला में बैठकर राजस्थान में चंबल नदी में मिल जाती है।
- इसकी लंबाई 150 किलोमीटर है।
कालीसिंध
- यह देवास जिले की बागली तहसील के समीप विंध्याचल पर्वत से निकलती है तथा शाजापुर और राजगढ़ जिले में बहकर राजस्थान में चंबल नदी में मिल जाती है ।
- इसकी लंबाई 150 किलोमीटर है।
- सोनकच्छ काली सिंध नदी के तट पर बसा है।
सिंध
- यह विदिशा जिले के सिरोंज नामक स्थान से निकलती है।
- गुना शिवपुरी, दतिया और भिंड जिला में बहती हुई इटावा उत्तर प्रदेश जिले के पास यमुना नदी में मिल जाती है ।
वर्धा
- यह नदी बैतूल जिले के मुलताई तहसील स्थित वर्धन शिखर से निकलती है।
- इसकी लंबाई 528 मीटर है।
- यह महाराष्ट्र में जाकर वैनगंगा में मिल जाती है ।
शक्कर
- यह नर्मदा की सहायक नदी है छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा पहाड़ से निकलती है।
छोटी तवा
- यह बैतूल जिले में छोटी तवा आवना और सूक्त नदियों से मिलकर बनती है।
- सुकता खानदेश बुरहानपुर जिले में प्रवेश कर खंडवा जिले के उत्तर में आंवना से मिल जाती है।
गार नदी
- यह सिवनी जिले के लखनादौन क्षेत्र से निकलती है उत्तर में नर्मदा नदी में मिल जाती है ।
कुंवारी नदी
- यह शिवपुरी पठार से निकलती है यह चंबल के समांतर बहते हुए भिंड जिले में सिंध नदी में मिल जाती है।
मान नदी
- विंध्याचल पहाड़ियों से निकल धार जिले की धरमपुरी तहसील से बड़हा गांव के पास नर्मदा नदी में मिलती है।
कूनो नदी
- यह नदी शिवपुरी पहाड़ से निकलती है तथा मुरैना पहाड़ के ऊपर करती हुई चंबल नदी में मिल जाती है।
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