फिरोजशाह तुगलक के कल्याणकारी कार्य
फिरोजशाह तुगलक मोहम्मद बिन तुगलक का उत्तराधिकारी था वह एक अच्छा शासक के रूप में भले याद ना किया जाता है, लेकिन उसके कल्याणकारी कार्य इतिहास में दर्ज हैं। लेकिन फिर भी उसके कल्याणकारी कार्यों की अपनी सीमाएं थी।
कर संख्या कम करना
फिरोजशाह तुगलक ने अनावश्यक 23 प्रकार के करों को खत्म कर दिया और केवल चार करो को बनाए रखा जकात जजिया खत्म, खराज ।
कृषि सुधार
- सिंचाई की व्यवस्थाएं जिनमें सतलज, घाघर कालीसिंध, यमुना पर बड़ी-बड़ी नहरें बनवाई एवं कई सारी छोटी नहरे निर्मित करवाई।
- 1200 फलोद्यान को लगवाया।
- सिंचाई पर केवल एक कर लगाया (हक -ए- शर्ब)।
सामाजिक कार्य
- दीवान -ए- खैरात गरीब मुस्लिम बेटियों के विवाह के लिए अनुदान की व्यवस्था करता था।
- रोजगार कार्यालय-बेरोजगार मुस्लिम युवकों के लिए रोजगार।
- दीवान- ए -इस्तिहाक वृद्ध मुस्लिमों को पेंशन की व्यवस्था।
- चिकित्सा – दर- उल -सफा राजधानी में अस्पताल।
इसके अतिरिक्त उसने प्रांतों के सूबेदारों को भी अस्पताल खोलने के निर्देश दिए ।
सांस्कृतिक कल्याण कार्य
- सार्वजनिक विभाग की स्थापना -मदरसा मस्जिद निर्माण हेतु।
- हाज- ए -शिम्स एवं हाज- ए- खास की मरम्मत करवाई।
- 300 ग्रंथों का फारसी भाषा में अनुवाद करवाया।
इसके अतिरिक्त उसने जौनपुर, फिरोजपुर, हिसार, फिरोजाबाद, फिरोज शाह कोटला आदि नगरों को बसाया।
नोट–फिरोजशाह तुगलक आजीवन मोहम्मद बिन तुगलक की परछाई से भागता रहा अतः उसने मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति अपनाई इसलिए उसके कल्याणकारी कार्य भी संप्रदाय विशेष तक सीमित रहे।
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